Menu
blogid : 3763 postid : 68

टूटा दिल…….(गजल)

मेरे शब्द,मेरी शक्ति!!!
मेरे शब्द,मेरी शक्ति!!!
  • 17 Posts
  • 593 Comments

आज मै अपने छोटे से अनुभव की टूटी-फूटी गजल पेश पर रहा हूँ| आप सभी पाठकों से अनुरोध है की मेरी इस रचना पर अपनी बहुमूल्य प्रतिकृया अवश्य दें एवं कुछ कमी हो तो जरूर बताएं ताकि मै आगे भविष्य मे सुधार कर सकूँ|

 

मुझे छोड़ कर जाने वाले

बस इतना तो बताते जा,

मैंने है क्या जुल्म किया,

इक छोटा सा दिल था मेरा

तुमने उसको ही तोड़ दिया!!

 

क्या-क्या अरमा देखे थे मैंने

इक पल मे चकना चूर किए तुमने

तुमने है क्यों ये सितम किया

इक छोटा सा दिल था मेरा

तुमने उसको ही तोड़ दिया!!

 

 

प्यार मे कमी क्या थी मेरे

जो मुझसे नाता तोड़ दिया

क्यो ऐसा मुझे है दर्द दिया

इक छोटा सा दिल था मेरा

तुमने उसको ही तोड़ दिया!!

 

 

क्या झूठी थी तेरी सारी कसमें

क्या झूठे थे तेरे सारे वादे

साथ रहूँगी हर जनम ऐसा था तुमने वादा किया

इक छोटा सा दिल था मेरा

तुमने उसको ही तोड़ दिया!!

 

 

तुम जो छूटी मेरी दुनिया छूटी

जीवन रूठा सासें टूटी

जाने क्या क्या सितम हुआ

इक छोटा सा दिल था मेरा

तुमने उसको ही तोड़ दिया!!

 

 

जीना अब दुसवार लगे है

मरने के अरमान जागें हैं

तुमने है क्यों ये ज़ख़म दिया

इक छोटा सा दिल था मेरा

तुमने उसको ही तोड़ दिया!!

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    CAPTCHA
    Refresh