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होली के रंग,j j सूरमाओं के संग!

मेरे शब्द,मेरी शक्ति!!!
मेरे शब्द,मेरी शक्ति!!!
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जैसा कि आप सभी जानते हैं कि हर साल कि तरह इस साल भी फागुन के मास मे होली का पर्व आ चुका है! वैसे तो यह कोई नई बात नहीं है, क्योकि ऐसा मौका हर साल आता है! पर इस साल कुछ नया हो रहा है, और वह है जागरण जंक्शन पर होली का कॉन्टेस्ट! जिसमे एक से बढ़कर एक ब्लॉगर सूरमा भाग ले रहे हैं और अपने अपने तरकश से अपने ब्लोगों के अग्नि बाण छोड़ रहे हैं, इसी आशा के साथ कि शायद निसाने पर लग जाए!

अब ज्यादा कुछ बोले बिना मै अपनी औकात पर आता हूँ!

और आपको इस कॉन्टेस्ट के दर्शन करता हूँ!

सबसे पहले मंच पर आ रहे हैं सबसे बड़े सूरमा ब्लॉगर आलराउंडर जी!वैसे तो इनका अलग ही मिजाज है, दिखने मे तो बहुत ही टेढ़े लगते हैं, लेकिन जैसा कि उन्होने खुद ही कबूला है कि वे बिलकुल सीधे साधे है जलेबी कि तरह!

आप सभी सोंच रहे होंगे कि सबसे पहले आलराउंडर जी ही क्यूँ?

क्योकि भैया ये इतने दिनों से हमे हंसा हंसा कर हमारा खून बढ़ा रहे हैं! और आप खून कि कीमत तो जानते ही होंगे! तो इनका भी तो कुछ हक़ बनता है न!(सबसे पहले पकाने का)

लेकिन ये क्या आलराउंडर जी अपने हाथो मे क्या थामे हुए है ?ये तो दो –ढाई फीट का कोई यंत्र नज़र आ रहा है! देखना है ये आगे क्या क्या करने वाले हैं!

तो जोरदार तालियाँ आलराउंडर जी के लिए!

“ एक से बढ़कर एक रंग छोडूंगा मै आज, अपनी पिचकारी से,

छोड़ूँगा न आज किसी को रंग डालूँगा आज, अपनी पिचकारी से!!”

क्या बात है आलराउंडर जी, अपने तो अपने इस ढाई हांथ  कि पिचकारी का अच्छा कमाल दिखाया!

और अब हम स्वागत करेंगे j j के महान सुरमाओं मे से एक अंगार चंद जी का!

वैसे तो अंगार चंद जी j j  के ब्लॉगिंग मंच पर अपनी एक खास पहचान रखते हैं! काम मे तो ये शहँशाह से कतई कम नहीं हैं! बस एक मौके कि तलाश मे रहते हैं! हमारे मुह से तो इनके लिए बस यही शब्द निकल रहे हैं—

“ अंधेरी रातों मे, ब्लॉगिंग कि राहों पर!

कॉन्टेस्ट जीतने को, एक सूरमा निकलता है,

जिसे लोग अंगार चंद कहते हैं!!”

तो जोरदार तालियाँ अंगार चंद जी के लिए—

होली का दिन है मज़ेदार, बहादूरों हो जाओ तैयार,

बहुत रो लिया मंहगाई को यार, छोड़ो ये सब है बेकार!

उड़ाओ अमीर लगाओ गुलाल,होली का दिन है मज़ेदार!

कॉन्टेस्ट की है आई बाहर, जीतने को हैं हम बेकरार,

होली का दिन है मज़ेदार, बहादूरों हो जाओ तैयार”

और अब इस मंच पर आने वाले हैं हमारे परदानशीं ब्लॉगर सूरमा राजकमल जी! जिन्होने अभी जल्द ही अपने परदानशी चेहरे को बेपरदा करके अपने एंग्री यंग मैन के विराट रूप के दर्शन कराये! वैसे इनके साथ J j पर एक बड़ी समस्या जरूर रही है!( वैसे मेरे साथ भी)! लेकिन मै फुल्ल जोश और होश के साथ कहता हूँ कि राजकमल जी इस कॉन्टेस्ट के चक्रव्यूह को भेदने मे जरूर सफल होंगे!

तो स्वागत कीजिये राजकमल जी का—–

“आ गया, आ गया, सबको रंगने मै आ गया!

होली इज़  लव एबल, कॉन्टेस्ट इज़ विन एबल, रंग मेरा  अवाईलेबल सबके लिए!

“आ गया, आ गया, सबको रंगने मै आ गया!

“आ गया, आ गया, कॉन्टेस्ट जीतने मै आ गया!”

अब मै मंच पर आमंत्रित करूंगा सबसे अलग बिंदास सूरमा पीयूष पंत जी का! इनकी j j के ब्लॉगिंग मंच पर अपनी अलग छवि है!

“मै तेरे साथ हूँ, मै तेरे भी साथ हूँ!”

कुछ ऐसे ही हैं हमारे पीयूष जी!

तो स्वागत है पीयूष जी आपका—

पूरन मासी का चाँद मस्ती कि ये टोली,

चाँद से उसकी चाँदनी है बोली

मुबारक हो सबको रंगो कि ये होली!

कॉन्टेस्ट कि ये होली रंगो कि ये होली!”

अब आ रहे हैं j j मंच के सुप्रसिद्ध शायर सूरमा आकाश तिवारी जी! इनके बारे मे मै बस यही शब्द कहूँगा—

रख हौसला वो मंज़र भी आएगा,

प्यासे के पास चलकर समंदर भी आएगा!

थक कर न बैठ ए मंज़िल के मुसाफिर,

मंज़िल भी मिलेगी और मिलने का मज़ा भी आएगा!”

तो स्वागत है आकाश जी आपका—

“मै जागरण मंच पे आया हूँ,

कुछ कर के जाऊंगा,

होली खेल के जाऊंगा,

कॉन्टेस्ट जीत के जाऊंगा!”

अब बारी है माननीय सुरमा वाहिद जी की! वैसे तो ब्लॉगिंग व कविता के मामले मे इनका कोई सानी नहीं है! लेकिन जब बात इनकी आवाज की मधुरता की आती है , तो क्या कहने क्या जादुई आवाज है! कोई भला चंगा सुन ले तो जमीन पर ऐसे आ जाए जैसा की कोई मधुशाला से निकलने  के बाद सड़क पर पड़ा हो! मै पहली बार ही इनकी आवाज सुनकर फ़ैन क्या चीज है मै तो इनका एसी बन गया हूँ!

तो स्वागत है वाहिद जी आपका—-

“रंगों की मस्ती मे झूमे है संसार,

आई एक बार फिर खुशियों की ये बाहर!

चारों ओर है उड़ रही रंगों की बौछार,

नीला ये आसमान लाल होने को बेकरार!”

और अब आ रहे हैं हमारे जाने माने ज्ञानी विज्ञानी व नौजवान ब्लॉगर शाही जी! वैसे तो इनके चेहरे की मुस्कराहट देख ने से ऐसा लग रहा है की ये कॉन्टेस्ट जीतने के लिए ही आए हैं!

मै दो शब्द शाही जी के लिए कहना चाहूँगा—

शाही की कलम का मै कायल हो गया,

बचा न कुछ भी ऊपर से नीचे तक घायल हो गया!

तो मंच पर स्वागत है शाही जी आपका—-

“कहता हूँ मै बात फते की, ब्लॉगर भैया सुन लो आए,

कहते हैं मुझको सब ज्ञानी रहा ज्ञान की बात बतलाए!

पर्व ये होली का है आया, इसको सब कौ लियो मनाए!

एकौ का नाही छोड़ेक है, सबका आज रंग लो आए!

“कहता हूँ मै बात फते की, ब्लॉगर भैया सुन लो आए,

कॉन्टेस्ट है होली का आया, सब जन लियो ज़ोर लगाए!

कोई न फायदा पाओगे बेटा, कॉन्टेस्ट हमका जीते आए!

“कहता हूँ मै बात फते की, ब्लॉगर भैया सुन लो आए,”

आप सभी पाठकों ने इन सभी सुरमाओं की परफॉर्मेंस को देखा! क्या केवल देखेंगे ही!

अब आपको ही फैसला करना है इस कॉन्टेस्ट का विजेता कौन है! कृपया अपनी राय अवश्य दे!!

आदरणीय शाही जी, मिश्रा जी, निशा जी, विनीता जी, पीयूष जी, राजकमल जी,वाहिद जी,अमित देहाती जी, राजेंद्र जी, दिव्या जी, चातक जी,हरीश भट्ट जी, अमित गुप्ता जी,सचिन जी,रोशनी जी, रजनी जी,अबोध जी, निखिल जी, रमेश बाजपेयी जी,धर्मेश तिवारी जी, हिमांशु भट्ट, रीता सिंह, अल्का गुप्ता जी, दीपक पांडे जी आकाश तिवारी जी राजीव दुबे जी अजय झा जी  एवं सभी ब्लागरों व जागरण जंक्शन टीम को होली की हार्दिक शुभकामनायें!!

नोट-“ अगर मेरे इस ब्लॉग से किसी सज्जन की प्रतिष्ठा मे आंच आई हो, तो इस नाचीज को  माफ करना! क्या करें दिल तो बच्चा है जी!”
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